उपासना में वासना, मुख में है हरिनाम।
सत्संगों की आड़ में, करते गन्दे काम।।
जनता के धन-माल पर, ऐश करे परिवार।
सत्संगों की आड़ में, करते गन्दे काम।।
जनता के धन-माल पर, ऐश करे परिवार।
बाबाओं
के पास में, दौलत का
अम्बार।।
कुटिया
में एकान्त में, सिखलाते
हैं योग।
राम नाम
के नाम पर, फैलाते
हैं भोग।।
ललनाओँ
को जाल में, सन्त
फँसाता रोज।
ऐसा
कामी-अधम तो, धरती पर
है बोझ।।
हत्या और
बलात् के, किये
आपने काम।
गुरूकुलों
के नाम को, कर डाला
बदनाम।।
अपने ओछे
कर्म से, किया
कलंकित नाम।
शर्म-लाज
आयी नहीं, आशाओँ के
राम।।
2-
इस पोस्ट की मूलपोस्ट यहाँ है।
धार लबादा सन्त का, करते पापाचार।
कश्ती को अब धर्म की, कौन करेगा पार।।
पहले भी थे धरा पर, थोड़े-बहुत असन्त।
अब बहुतायत में हुए, भोगी और कुसन्त।।
कामी. क्रोधी-लालची, करते कारोबार।
राम नाम की आड़ में, दौलत का व्यापार।।
उपवन के माली स्वयं, कली मसलते आज।
आशाएँ धूमिल हुईं, कुंठित हुआ समाज।।
आशाओं का हनन जब, करते आशाराम।
इस प्रकार से अपनी रचनाएँ प्रकाशित करने की मैं अनुमति नही देता हूँ।
ReplyDeleteमरे नाम और ब्लॉग के लिंक के साथ प्रकाशित कीजए मेरी रचनाओं को।
नहीं तो इस पोस्ट को हटा दीजिए।
अब आप यह तर्त मत देने लगना कि "Labels: डॉ0 रूपचन्द्र शास्त्री मयंक, यौन अपराध, सामाजिक" में आपका नाम है।
ReplyDelete--
लेबिल में भी क्लिक करने से समाज ही खुल रहा है।
मेरा लिंक है कहाँ मान्यवर।
--
तुरन्त हटाइए इस पोस्ट को या मेरे नाम और ब्लॉग का लिंक दीजिए।
अन्यथा यह सभ्यता के दायरे में की गयी चोरी मानी जायेगी।
आपकी इस कारगुजारी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी है।
ReplyDeleteसादर!
भविष्य में ध्यान रखें कि किसी भी व्यक्ति की पोस्ट यहाँ प्रकाशित करने से पूर्व उसकी पोस्ट और उसके नाम का भी उल्लेख किया करें।
ReplyDelete--
उपर दी गयी मेरी टिप्पणियाँ यथावत ही हैं। सुधार कर दें।
में आपसे सहमत हूँ ये एक तरीके की चौरी ही मानी जायेगी ! कोई पोस्ट अच्छी और साझा करनें लायक समझी भी जाए तो जिसकी वो पोस्ट है उसके नाम के साथ ही पोस्ट की जानी चाहिए !
Deleteजी हाँ मै भी आपसे सहमत हूँ पर पोस्ट मैंने चोरी नहीं की, बल्कि इस पोस्ट पर मैं आपका लिंक लगाना भूल गया था मैंने सोचा की lables पर आपका लिंक लगा हुआ है इसके लिए मैं तहेदिल से माफी चाहता हूँ आगे से मै लिंक के साथ किसी का पोस्ट प्रकाशित किया करूँगा।
ReplyDeleteइस पोस्ट की सत्यप्रतिलिपि यहाँ है।
ReplyDeleteइसका क्या मतलब है? क्या मैंने भी यह पोस्ट कहीं से प्रतिलिपिस्वरूप ली है।
आप यह लिखिए कि मूल पोस्ट यहाँ है?