मेरा Exam आज से शुरू हो रहा है इसलिए ये पोस्ट मैं वक़्त से पहले दे रहा हूँ....
क्रिसमस या बड़ा दिन ईसा मसीह या यीशु के जन्म की खुशी में मनाया जाने वाला पर्व है। यह 25 दिसम्बर को पड़ता है और इस दिन लगभग संपूर्ण
विश्व मे अवकाश रहता है। 25 दिसंबर यीशु मसीह के जन्म की कोई ज्ञात वास्तविक जन्म तिथि नहीं है। क्रिसमस की छुट्टियों मे एक दूसरे को उपहार देना,
चर्च मे समारोह, और विभिन्न सजावट करना शामिल है।यह अज्ञात है कि
ठीक कब या क्यों दिसम्बर 25 मसीह के जन्म के साथ जुड़ गया.नया साक्ष्य भी निश्चित तिथि नहीं देता है। पुराने ईसाई भी मानते हैं की इस तारीख को मसीह को क्रूस पर चढ़ाया गया था.ईसाई विचार है कि मसीह की जिस साल क्रूस
पर मृत्यु हो गई थी उसी तिथि पर वो फ़िर से गर्भित हुए थे जो एक यहूदी विश्वास के
साथ अनुरूप है कि एक नबी कई साल का जीवित रहे थे.क्रिसमस के बारह दिन (Twelve
Days of Christmas) क्रिसमस दिवस,
26 दिसंबर, के बाद के दिन जो की सेंट स्टीफन दिन (St. Stephen's Day)
है से दावत की घोषणा (Feast of Epiphany) जो की जनवरी 6 को है, से बारह दिन हैं, जिसमे कि प्रमुख दावतें आती हैं मसीह के जन्म के आसपास.लातिनी संस्कार
में, क्रिसमस के दिन के
एक हफ्ते के बाद 1 जनवरी, मसीह के नामकरण और सुन्नत की दावत (Feast
of the Naming and Circumcision of Christ) समारोह को पारंपरिक रूप से मनाया जाता है, लेकिन वेटिकन II (Vatican II) से, इस दावत को मेरी, परमेश्वर की माँ (Mary,
Mother of God) की धार्मिक क्रिया
के रूप में मनाया गया है .
कुछ परंपराओं में
क्रिसमस के शुरू के 12 दिन क्रिसमस के दिन
(25 दिसम्बर) से शुरू
होते हैं और इसलिए 12वां दिन 5 जनवरी है.