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समाज

August 2, 2012

रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं

 

समाज के सारे पाठकगडों को कार्तिकेय राज की तरफ से रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएं. 












June 28, 2012

किसी को आपकी हेल्प की जरूरत है एक क्लीक यहाँ भी !

ये मैंने एक ब्लॉग पर पड़ा था तो उस पर पड़कर मैंने भी इस को पोस्ट करने की सोचा जो मैं आपको इस आदमी के बारे में बता रहा हूँ। 
मेरी उम्र 27 वर्ष है। मैं पहले विकलांग नहीं था। मैंनें जिला उद्योग केन्द्र (सरकारी कार्यालय) मे प्राइवेट रूप से वर्ष 2002 से वर्ष 2008 तक कम्प्यूटर आपरेटर के रूप में एम०एस०ऑफिस, हिन्दी अंग्रेजी में डाटा इंट्री, इंटरनेट पर कार्य किया है। मैने वर्ष 2005 में निजी (छोटा) कम्प्यूटर सेन्टर शुरू किया। ये मेरे दोनो कार्य एक साथ सुचारू रूप से चल रहे थे। पर अचानक वर्ष 2008 में मेरी तबियत खराब हो गयी और चिकित्सकीय जांच के दौरान पता चला कि मेरे सरवाइकल स्पाइन मे खराबी हो गई है और मुझसे एक साथ दों आपरेशन कराने के लिए कहा गया। यह दोनो आपरेशन मैनें वर्ष 2008-दिसम्बर में पी०जी०आई, लखनऊ में कराये। दुर्भाग्यवश आपरेशन सफल न होने के कारण मैं पैरों से अब चल नहीं पाता हु। दो आपरेशन होने के कारण लगभग तीन वर्ष तक बेडरेस्ट पर रहा, जिसके कारण मेरे सभी प्रकार के कार्य छूट गये, कम्प्यूटर सेन्टर भी बंद हो चुका था। मेरे सभी आर्थिक श्रोत बंद हो चुके थे।
वृद्ध माता और पिता की पूंजी मेरे आपरेशन व इलाज में खर्च हो गयी। न चल पाने के कारण मेरा ज्यादा कहीं आना-जाना नहीं हो पाता है। मैं उपरोक्त से सम्बंधित सभी कार्य घर में कम्प्यूटर पर कर सकता हु।


इनके ऊपर जो बिता आप सब ने पढ़ ही लिया होगा तो अगर आपमें से किसी के पास कोई भी काम हो तो इनसे जरुर करवाए ये आपका काम घर बेठे बेठे ही कर देंगे मैंने अपने ब्लॉग के साईट बार में इनके बारे में एड भी दिया है ताकि कोई भी इनसे कांटेक्ट कर के डीटीपी से जुड़ा कोई भी काम करा सकता है इनसे काम करने के बाद इनके काम की कीमत जरुर दे इनका नाम और पता सब में निचे लिख रहा हु उम्मीद करता हु कि कोई न कोई तो होगा जो इन्हें जॉब देगा एक ऐसी जॉब जिसे ये घर बेठे बेठे ही कर पाएंगे और अपने वर्द्ध माता पिता का सहरा बनेगे और घर के खर्चे उन पेसो से उठायेंगे जो ये आपका काम करके कमाएंगे
इनका नाम ये है


जीतेन्द्र/रोहित श्रीवास्तव
मो० वैटगंज, डॉ० भूरा की गली,
हरदोई, उ०प्र०, भारत।
ई-मेल पता-rsri189@gmail.com
कान्टेक्ट नम्बर : +91-8896741369


एजुकेशन - स्नातक
कम्प्यूटर ज्ञान -
हिन्दी व अंग्रेजी में डाटा इंट्री
(ऑनलाइन व ऑफलाइन)
एम०एस०ऑफिस, डी०टी०पी० व इन्टरनेट।


और चलते चलते एक बात और बोलना चाहूँगा की इनके बारे में आप भी अपने ब्लॉग या फेसबुक पर लिख सकते है चाहो तो मेरी ही पोस्ट को कॉपी करके लोगो तक पंहुचा सकते हो ताकि इन्हें जल्दी से जल्दी कोई काम मिल जाये अगर आपके इस छोटे से प्रयास से इनको काम मिल जाता है तो इनकी जिन्दगी सवर जाएगी.............

April 8, 2012

कम्प्युटर सीखें हिन्दी में

समाज के पाठको के लिए एक उपयोगी साइट जो आपको कम्प्युटर के बारे मे हिन्दी में समझाएगे इस साइट पर जाने के लिए यहाँ क्लिक करें | इस साइट पर विडियो के माध्यम से आपको  कम्प्युटर के बारे मे सम्पूर्ण जानकारी दी जाएगी।

March 27, 2012

अपनी प्यास बुझाता हुआ कौआ

March 16, 2012

आत्महत्या

आज कल समाज में आत्महत्याओ का मामला इतना बढ गया है की आये हर दिन अखबारों में ये छपता रहता है की उसने इस कारण आत्महत्या किया तो इसने इस कारण ? आजकल आत्महत्या के मामलों में सबसे ज्यादा युवा विद्यार्थियों और युवाओ में पाई जा रही है। आजकल के युवाओ को उनके माता-पिता थोडा सा भी डांट-डपट देते है तो वो आत्महत्या करने की कोशिश करते हैं। इसलिए युवाओ के माता-पिता को चाहिए की वो अपने बच्चों को डांटने के बजे उन्हें अच्छे और प्यार से समझाने की कोशिश करें और उन्हें छोटी-छोटी बातों पर न डांटे। जिससे उन्हें लगे की आप उनसे सचमुच में प्यार करते हैं। अगर बच्चों की बातों को पहले से ही शेयर न किया जाय तो वो कुंठित हो जाते है, अकेलापन महसूस करने लगते है जिसके कारण वो ये समझने लगते है की उनसे कोई प्यार नहीं करता और वो आगे चलने पर बिगड़ जाते है और गलत रास्ते अपना लेते हैं। इसीलिए बच्चों के माता-पिता व गुरुजनों को चाहिए की चाहे वो छोटा हो या बड़ा हर वर्ग  के बच्चों की बातों को शेयर करें और ये जानने की कोशिश करें की वो भविष्य में क्या करना चाहता है और उस अनुसार उसकी सहायता करनी चाहिए तथा उसके हौसले को बढ़ाना चाहिए की इस दुनिया में ऐसा कोई भी कार्य नहीं जो वो कर न सके इससे उसका आत्मशक्ति बढेगा और उसे ये आभास हो जायेगे की वो अकेला नहीं बल्कि उसके साथ उसके माता-पिता व गुरुजन भी उसके साथ-साथ जिन्दगी के हर मोड़ पर एक अच्छे दोस्त व मार्गदस्तक के रूप में उसके साथ है। जिससे वो निर्भीक हो अपनी बातों को अपने माता-पिता व गुरुजनों के सामने रखता है। युवाओ के आत्महत्या में ज्यादातर हाथ पिता का होता है क्योकि वो उनकी बातों को अनसुना कर उन्हें डांट-डपट कर चुप करा देते है। ऐसा नहीं है की इसमें सिर्फ माता-पिता का दोष है बल्कि इसमें युवाओं का भी दोष है क्योकि वो अपने माता-पिता की बातों को समझने की कोशिश नहीं करता। आत्महत्या करने वाले ये नहीं समझते की उसके शरीर पर सिर्फ उसका अधिकार नहीं बल्कि उसपर कई लोगो का भी अधिकार है। जिसमे सबसे पहला अधिकार '' माँ '' का होता है जो उसे ९ माह अपने कोख में रके उसका वजन ढोती रही, दूसरा अधिकार पिता का होता है जो उसका लालन-पालन करता है, तीसरा अधिकार भाई-बहन का होता है और चौथा उसका जो जीवनभर उसका साथ निभाने वाला है अर्थात उसकी पत्नी का।

February 18, 2012

लाखो घर बर्बाद हो गए इस दहेज़ की होली में


मैंने एक जगह इस लाइन को पढ़ा था जो मैं आपके साथ शेयर करना चाहता हूँ
लाखो घर बर्बाद हो गए इस दहेज़ की होली में]
कितनी कन्यायें बेचारी बैठ न पाई डोली में]
कितनो ने अपने कन्या के हाथ पीले करने में]
कहाँ कहाँ मस्तक टेके आती शर्म बताने में]
अर्थी चढ़ी हजोरो कन्या बैठ न पाई डोली में]
लाखो घर बर्बाद हो गए इस दहेज़ की होली में ।।
सचमुच में आज इन्सान कितना नीचे गिर चुका जो अपने स्वार्थ की खातिर मासूम जिंदगियों से खिलवाड़ करने में थोडा भी नहीं हिचकिचाते हैं ।
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