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समाज

January 23, 2013

क्षमा याचना

मेरे प्यारे पाठक गण मैं आप सबसे क्षमा मांगना चाहता हॅू क्योंकि मैं कोई भी पोस्ट सही से नहीं लिख पाता हॅू। मैं एक बी० फार्मा का छात्र हॅू और  मुझे लिखने के लिए समय नहीं मिल पाता है। इसलिए मैं भरपूर पोस्ट नहीं लिख पाता हॅू। पर मैं कभी कभार समय निकाल कर आता हॅू और कुछ एक दो छोटे मोटे पोस्ट देकर चला जाता हॅू। इसमें मैं जितना भी समाजिक स्तर वाले पोस्ट लिखता हॅू वो सब मेरे मन में जगे हूए भावनाएं है जो मैं समाज में देख सुनकर, उसकी महत्ता को समझकर प्रकाशित करता हॅू। मेरे मन में अभी ऐसी भावनाएं है जो मैं समय निकालकर आप सबके सामने प्रस्तुत करूँगा।

                         आप सबको ईश्वर सलामत रखें और सबको प्रसिद्धि प्रदान करें। "आमीन्"

आप सबको गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

Happy Republic Day Celebrations
Republic Day scraps for orkut


January 5, 2013

कितना बडा सवाल है, औरत की जिन्दगी


कितना बडा सवाल है, औरत  की जिन्दगी।
दूनिया में एक मिशाल है, औरत  की जिन्दगी।।
जब जिसके जी में आया, एक जख्म दे गया।
जख्मों से बुना जाल है, औरत  की जिन्दगी।।

दूनिया को इसने पाला, दूध अपना पिला के।
तूफॉ भी इसने रखा, अपने आंचल में छुपा के।।
सृष्टि के लिए ढाल है, औरत की जिन्दगी।
मॉ, बहन, पत्नी हो, या हो वो प्रेमिका।।

राधा हो, उर्मिला हो, या हो वो होलिका।।
हर हाल में बेहाल है, औरत की जिन्दगी।।
भगवान तू भी देख, यहॉ क्या हो रहा है।
औरत का जहॉ में, बुरा हाल हो रहा है।।

ऑखों में इनके आंसू, ऑचल में भरा प्यार।
मुरझाये चमन में, ला देती है बहार।।
इतना बडा कमाल है, औरत की जिन्दगी।
कितना बडा सवाल है, औरत की जिन्दगी।।


ये चित्र गूगल से साभार
नारी ही हर हाल में, छलती और जलती क्यूँ है?



नारी तुम केवल श्रद्धा हो, विश्वास रजत नभ तल में।
पीयूष श्रोत सी बहा करो, जीवन के समतल  में।।

नारी नहीं है सपना, नारी नहीं कहानी।
नारी की गोद में पलती है, दूनिया की जिन्दगानी।।



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